हिंदी की अमर देशभक्ति कविताएँ: जिन्होंने हर भारतीय के दिल में जगाई देश के लिए प्रेम की ज्वाला

हिंदी साहित्य देशभक्ति कविताओं से समृद्ध है, जिन्होंने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है। यहाँ कुछ सबसे प्रसिद्ध हिंदी देशभक्ति कविताएँ और उनके कवियों का संग्रह दिया गया है:

1. "झाँसी की रानी"

कवयित्री: सुभद्रा कुमारी चौहान

"बुंदेले हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी,
ख़ूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसी वाली रानी थी।"

महत्व: यह हिंदी की सबसे लोकप्रिय और प्रेरक देशभक्ति कविताओं में से एक है। यह 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के वीरतापूर्ण जीवन का सजीव वर्णन करती है, जो साहस और राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रेरित करता है।



2. "पुष्प की अभिलाषा"

कवि:
माखनलाल चतुर्वेदी

"चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ…"

महत्व: एक कवि-स्वतंत्रता सेनानी द्वारा लिखी गई यह कविता एक फूल का मानवीकरण करती है, जो अपनी सबसे गहरी इच्छा व्यक्त करता है कि उसे किसी सुंदर लड़की के बालों में या भगवान के सिर पर नहीं चढ़ाया जाए, बल्कि उन स्वतंत्रता सेनानियों के रास्ते में बिखेर दिया जाए जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस कविता में कवि ने अपनी प्रबल इच्छा व्यक्त की है कि वह जन्म लेकर देश की सेवा में बलिदान हो सके।



3. "झंडा ऊँचा रहे हमारा"

कवि:
श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'

महत्व: यह प्रतिष्ठित भारतीय ध्वज गीत है जो देशभक्ति का एक गान बन गया है। यह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख गीत था और राष्ट्रीय छुट्टियों पर गाया जाता रहा है, जो भारतीय ध्वज की महिमा का जश्न मनाता है।



4. "सरफ़रोशी की तमन्ना"

कवि:
राम प्रसाद बिस्मिल

"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है।"

महत्व: हालाँकि यह मूल रूप से एक उर्दू ग़ज़ल थी, लेकिन इसकी भावना और शक्तिशाली संदेश ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक युद्धघोष बना दिया। यह कविता क्रांतिकारी उत्साह और मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान करने की अंतिम इच्छा को दर्शाती है।



5. "हिमाद्रि तुंग श्रृंग से"

कवि:
जयशंकर प्रसाद

महत्व: अपने नाटक "चंद्रगुप्त मौर्य" का एक हिस्सा, यह कविता भारत को समर्पित एक शक्तिशाली भजन है। यह देश की भौगोलिक सुंदरता और ऐतिहासिक महिमा का जश्न मनाती है, जो गौरव की गहरी भावना पैदा करती है।



6. "वह देश कौन सा है?"

कवि:
रामनरेश त्रिपाठी

महत्व: यह कविता बार-बार यह अलंकारिक प्रश्न पूछकर भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि और नैतिक मूल्यों की प्रशंसा करती है, "वह देश कौन सा है?" और फिर "भारत" कहकर जवाब देती है।



7. "भारत माता"

कवि: सुमित्रानंदन पंत

महत्व: छायावाद के दौरान लिखी गई यह कविता औपनिवेशिक शासन के तहत भारत माता की पीड़ा और दरिद्रता को दर्शाती है, लेकिन एक गौरवशाली भविष्य की परिकल्पना भी करती है।


8. "जब-जब भी रणभेरी बजी"

कवि:
रामधारी सिंह 'दिनकर'

महत्व: 'वीर रस' (शौर्य की कविता) के लिए जाने जाने वाले दिनकर की कविताएँ, जैसे कि यह, जुनून और साहस से भरी हैं। वे राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और निर्भीकता की भावना को प्रेरित करती हैं।


9. "वन्दे मातरम्"

कवि:बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

"वन्दे मातरम्, सुजलाम्, सुफलाम्, मलयजशीतलाम्…"

महत्व: भारत माता के प्रति प्रेम, सम्मान और समर्पण का अद्वितीय गीत, जिसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्तों ने मंत्र की तरह अपनाया।


10. "कदम-कदम बढ़ाए जा" 

 कवि:-
अज्ञात (लोकप्रिय सैनिक गीत)

"कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा,
यह ज़िंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाए जा।"

महत्व:  भारतीय सैनिकों के उत्साह और साहस को बढ़ाने वाला अमर देशभक्ति गीत।


11."ऐ मेरे वतन के लोगों"
   
   कवि:-प्रदीप

"ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी।"

 महत्व:  1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप लिखी गई भावपूर्ण रचना।


12. "जन गण मन" 

कवि: -रवीन्द्रनाथ ठाकुर 

"जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता…"

महत्व: भारत का राष्ट्रगान, जो देश की एकता, अखंडता और विविधता का प्रतीक है।  

निष्कर्ष

देशभक्ति कविताएँ केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि यह एक युग की आत्मा होती हैं। सुभद्राकुमारी चौहान से लेकर कवि प्रदीप तक, हर रचना ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। ये कविताएँ आज भी हमें यह याद दिलाती हैं कि देश प्रेम और बलिदान का जज़्बा कभी पुराना नहीं होता। देशभक्ति कविताएँ केवल साहित्य नहीं, बल्कि इतिहास की गवाही हैं। माखनलाल चतुर्वेदी, सुभद्राकुमारी चौहान, बिस्मिल अज़ीमाबादी जैसे कवियों की रचनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि स्वतंत्रता केवल संघर्ष और बलिदान से मिली है, और इसे बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है।

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